
दूदू, 19 मार्च – नगर परिषद् दूदू में भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और वित्तीय अनियमितताओं से आहत होकर उपसभापति अमित जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने त्यागपत्र देते हुए नगर परिषद् की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे ‘नरक परिषद्’ करार दिया।
अमित जोशी का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब भाजपा नेता अवधेश शर्मा भी नगर परिषद् की वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले ही आवाज उठा चुके हैं। शर्मा ने नगर परिषद् से 78 लाख की स्वीकृत राशि के 12 कार्यों की 80% रकम के उपयोग पर स्पष्ट जवाब मांगा था, लेकिन परिषद् इस पर अब तक कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे पाई है।
नगर परिषद् की बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण
अवधेश शर्मा ने मालपुरा रोड पर सरस डेयरी के पास नगर परिषद् की बहुमूल्य जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और उसे मुक्त भी कराया था। लेकिन उन्होंने नगर परिषद् पर आरोप लगाया है कि अब तक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि परिषद् अतिक्रमणकारियों को संरक्षण दे रही है।
भ्रष्टाचार और जवाबदेही पर उठे सवाल
अमित जोशी और अवधेश शर्मा द्वारा उठाए गए सवालों से यह स्पष्ट होता है कि नगर परिषद् में वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी की स्थिति बेहद गंभीर है। प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली, अतिक्रमण को नजरअंदाज करना, पार्षदों को जानकारी न देना और 78 लाख रुपये के कार्यों पर कोई ठोस जवाब न देना – ये सभी आरोप नगर परिषद् की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े करते हैं।
क्या नगर परिषद् में होगा सुधार?
अमित जोशी के इस्तीफे और अवधेश शर्मा द्वारा उठाए गए सवालों के बाद अब नगर परिषद् प्रशासन दबाव में आ गया है। जनता भी अब जवाब मांग रही है कि नगर परिषद् में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर कब तक पर्दा डाला जाएगा? अब देखना होगा कि प्रशासन और सभापति कमलेश देवी इन गंभीर आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
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